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Sarva Shiksha Abhiyan Yojana 2022 | Sarva Shiksha Abhiyan

Sarva Shiksha Abhiyan Yojana 2022 | Sarva Shiksha Abhiyan 


 सर्व शिक्षा अभियान योजना 2022 |  गुजराती में सर्व शिक्षा अभियान

 भारत एक ऐसा देश है जहां समाज विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक रूप से वंचित लोगों के साथ भेदभाव करता है।  शिक्षा एक ऐसा कारक है जो आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को नहीं मिल सकता है।


 इसलिए, भारत सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) शुरू किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वंचित बच्चे और पीछे न रहें।


 सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) क्या है?  -


 सर्व शिक्षा अभियान एक ऐसा कार्यक्रम है जो भारतीय संविधान द्वारा अनिवार्य समय सीमा के भीतर प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण (यूईई) को प्राप्त करने के लिए मुख्यधारा के स्कूलों को प्रदान करता है।  मानव संसाधन विकास मंत्रालय राज्य सरकारों के माध्यम से कार्यक्रम को लागू करता है।



 सर्व शिक्षा अभियान योजना 2000-2001 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा शुरू की गई थी।  इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्रदान करना था।



 संविधान ने 2009 में 86वें संशोधन अधिनियम के माध्यम से अनुच्छेद 21ए में संशोधन किया और शिक्षा का अधिकार (आरटीई) को मौलिक अधिकार के रूप में प्रदान किया।  यह 6 से 14 वर्ष की आयु के नाबालिगों या बच्चों के लिए अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा को लागू करता है।  हालांकि यह कार्यक्रम 2000 से 2001 तक चला, लेकिन आरटीई के बाद कुछ बदलावों के साथ यह जारी रहा।



 इसके तहत 6-14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को बेसिक प्लस के रूप में शामिल किया गया था।



 सर्व शिक्षा अभियान को "सभी के लिए शिक्षा" के रूप में भी जाना जाता है।  इस अभियान के तहत देश के बच्चों को "सब पढ़े सब भाडे" का नारा भी दिया गया ताकि हर बच्चा बहुतायत में स्कूल पहुंच सके।


 सर्व शिक्षा अभियान योजना हाइलाइट


 1.योजना का नाम 👉सर्व शिक्षा अभियान


 2.किसने शुरू किया👉श्री अटल बिहारी वाजपेयी


 3.ये कब शुरू हुआ👉2001


 4.योजना का उद्देश्य 👉6-14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा


 5.साप्ताहिक वेबसाइट👉ssa.nic.in


 सर्व शिक्षा अभियान योजना के उद्देश्य


 सर्व शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक भारतीय को शिक्षा प्रदान करना है।


 इस योजना का मुख्य लक्ष्य देश में 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है।


 इसके लिए 2010 तक प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था।


 भारत सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में 86वें संविधान संशोधन ने प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में नि:शुल्क और अनिवार्य बनाना अनिवार्य कर दिया।


 सर्व शिक्षा अभियान राज्य सरकार की भागीदारी से पूरे भारत में चलाया जा रहा है।


 ताकि देश के हर गांव के बच्चों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।


 इसके लिए भारत सरकार ने ग्रामीण बच्चों के लिए 1 किमी की दूरी पर प्राथमिक विद्यालय खोले हैं और 3 किमी की दूरी पर उच्च प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1 से 8) की सुविधा उपलब्ध कराई है, ताकि प्रत्येक वर्ग के बच्चे  समाज, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग भी स्कूल जा सकता है।  है


 सर्व शिक्षा अभियान के लाभ


 सर्व शिक्षा अभियान शुरू होने के बाद 2003 तक लगभग सभी बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया था।


 प्राथमिक विद्यालयों के लिए संतोषजनक और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना।


 2007 तक देश में प्राथमिक विद्यालयों में सामाजिक विषमताओं और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना।


 सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों के लिए शिक्षक प्रशिक्षण।


 वर्ष 2010 तक भारत में सर्व शिक्षा अभियान को सार्वभौमिक रूप से लागू किया जाना चाहिए ताकि देश के सभी बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकें।


 लड़कों के साथ लड़कियों को शिक्षित करना।


 सर्व शिक्षा अभियान योजना की विशेषताएं


 नए स्कूलों का निर्माण, स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं, शौचालय, पेयजल सुविधाएं जोड़ें, स्कूल सुधार अनुदान बनाए रखें।  बच्चों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, कपड़े उपलब्ध कराना।



 जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षकों की संख्या बढ़ाने पर जोर।



 स्कूलों में मौजूदा शिक्षकों के कौशल और क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान।  इसके तहत बच्चों में मूल्य आधारित शिक्षा के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के महत्व को समझने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।



 प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के तहत शुरू किए गए सर्व शिक्षा अभियान के परिणामस्वरूप प्राथमिक शिक्षा का दायरा बढ़ा है।  इसके तहत विभिन्न शिक्षा कार्यक्रम और योजनाएं लागू की गईं।  फलस्वरूप शिक्षा ने अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं।


 शिक्षा का सार्वभौमीकरण क्यों हुआ?


 शिक्षा का सार्वभौमिकरण किया जाता है ताकि बच्चे एक निश्चित उम्र में परिपक्व हो सकें, जैसे कला, कौशल, प्रौद्योगिकी, बाहरी ज्ञान, आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास, जिज्ञासा आदि।


 सर्व शिक्षा अभियान योजना का उद्देश्य


 1) पढ़े भारत बढ़े भारत योजना


 केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत "पढ़े भारत बढ़े भारत" योजना शुरू की है।  इस योजना के तहत कक्षा 1 और 2 के बच्चों को गणित के प्रश्न लिखना, पढ़ना और हल करना सिखाया जाएगा।



 2) संपूर्ण शिक्षा अभियान योजना


 2018 में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को सर्व शिक्षा अभियान के साथ मिला दिया और सर्व शिक्षा अभियान नामक एक नई योजना शुरू की।


 सर्व शिक्षा अभियान योजना के लिए कौन पात्र है?


 6 से 14 वर्ष की आयु के छात्र सर्व शिक्षा अभियान योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।



 सर्व शिक्षा अभियान योजना के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


  1..सर्व शिक्षा अभियान योजना से किसे लाभ?


 सर्व शिक्षा अभियान योजना 6 से 4 साल के छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है।



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